
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर अहम बातचीत हुई। यह वार्ता पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में चल रहे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली बार हुई।
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भारत ने फिर कहा: मध्यस्थता की कोई गुंजाइश नहीं
मिसरी ने साफ कहा कि मोदी ने ट्रंप को दो-टूक बता दिया कि भारत ने कभी किसी स्तर पर अमेरिका या किसी और के साथ मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया, न पहले किया था और न भविष्य में करेगा। प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की प्रक्रिया द्विपक्षीय सैन्य चैनलों के ज़रिए हुई थी — और यह पाकिस्तान की पहल पर हुई थी, अमेरिका की नहीं।
आतंकवाद पर भारत का रुख और ऑपरेशन सिंदूर
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत अब आतंकवाद को “प्रॉक्सी वॉर” नहीं, बल्कि सीधा युद्ध मानता है। भारत का जवाबी मिशन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब भी चल रहा है और इसमें कोई ढील नहीं दी जाएगी। ट्रंप ने इस पर भारत के स्टैंड को समझा और आतंकवाद के खिलाफ भारतीय लड़ाई को समर्थन भी दिया।
अमेरिका को भारत की स्पष्ट कूटनीतिक भाषा
भारत ने इस बातचीत के ज़रिए एक बार फिर अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संदेश दे दिया है कि आतंकवाद पर उसकी नीति बिल्कुल स्पष्ट, अडिग और आत्मनिर्भर है। कोई मध्यस्थता नहीं, सिर्फ ठोस कार्रवाई।